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शाप -22-Dec-2021

शाप 


कोई जमाना था जब लोग तंग आकर शाप दिया करते थे । जब किसी पर कोई जोर ना चले तो बस, शाप दे दो । गांधारी ने श्रीकृष्ण को शाप दे दिया तो युधिष्ठिर ने अपनी माता कुंती को ही शाप दे दिया । और तो और दुर्वासा ऋषि तो जाने ही शाप के लिए जाते हैं । पता नहीं कितने शाप दिये होंगे उन्होंने , कोई गिनती नहीं है । अगर कोई गिनती करने बैठेगा तो एक "शाप शतक" ग्रंथ ही बन जायेगा । 

जब हम छोटे छोटे थे तब हमारे मौहल्ले की स्त्रियां आपस में जब लड़ती थी तो हाथापाई और मारपीट से बचती थी । इसलिए एक दूसरे को भयंकर वाले शाप देती थीं । "कीड़े पड़ेंगे तेरे" । "सत्यानाश हो जाये तेरा" "पूरा खानदान मिट जाये कोई नाम लेवा भी ना रहे" । "तू रांड निपूती हो जाये" वगैरह वगैरह । पर हमने उन शापों को कभी फलीभूत होते नहीं देखा था । पहले तो शाप से डर लगता था मगर जब देखा कि ये शाप तो फ्यूज बल्ब की तरह होते हैं । इनसे कुछ नहीं होता है सिवाय जबान गंदी करने के । धीरे धीरे शाप देने का "फैशन" समाप्त हो गया । 

जिस प्रकार आजकल पुराना फैशन लौटकर आ रहा है और "एन्टीक" आयटमों की मांग बहुत बढ़ गयी है उससे लगता है कि शाप देने का दौर फिर से आ रहा है । और मजे की बात यह है कि शाप भी ऐसे ऐसे लोग दे रहे हैं जो बॉलीवुड प्रजाति से संबंध रखते हैं जिनके लिये जीवन ही एक नाटक जैसा है । जो हर जगह डॉयलॉग डिलवरी करना ही जानते हैं । रुपहले पर्दे पर जिन्हें हमने "गुड्डी" , "मिली" के रूप में देखा वे देश की सबसे बड़ी पंचायत में क्रोध के कारण ऋषि दुर्वासा से भी भयानक नजर आई । हमें अब पता चल रहा है कि ये फिल्मों के हीरो हीरोइन असल जिंदगी में कितने विलेन हैं । कितने मुखौटे लगा रखे हैं इन्होंने पता ही नहीं चलता है । जब इनके दल के मुखिया ने बलात्कार पर यह कहा था कि लड़के हैं लड़कों से गलती हो जाती है तब इनका खून नहीं खौला । तब ये मोहतरमा खामोश रही । जब एक सिने तारिका जो लोकसभा चुनाव में खड़ी हुई थी तब इन्हीं मोहतरमा के दल के एक मंत्री ने जो आजकल जेल में चक्की पीस रहे हैं , कहा था कि "हम अच्छी तरह जानते हैं कि आपने कौन से रंग की चड्डी पहनी है" । एक स्त्री का इतना अपमान इनके ही दल के आदमी करते रहे तब तो इन्होंने कोई शाप नहीं दिया उस व्यक्ति को । और तो और एक माननीय ने एक अभिनेत्री को जब "हरामखोर" कहा था तब ये मोहतरमा अपने मुंह में दही जमाकर बैठी रहीं । तब इनके मुंह से शाप नहीं निकला बल्कि ये तो थाली में छेद होने का राग अलापती रहीं । लेकिन जब इनकी बहू के खिलाफ बेनामी संपत्ति के संबंध में पूछताछ होने लगी तब ये शाप देने लगीं । गजबे है भई । अब तो बेचारा शाप भी खुद को कोस रहा होगा कि वह किस मुंह.से निकला ? कम से कम ढंग के मुंह.से तो निकला होता ? लगता है कि वह शिकायत करने भगवान के पास जा रहा है । 

हरिशंकर गोयल "हरि"
22.12.21 

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1 Comments

Arman Ansari

22-Dec-2021 04:28 PM

बेहतरीन

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